women Activity

महिला कार्य

अपने यहाँ महिला शक्तिस्वरूपा है, सृजनशील है। भारत में घर का आधार वास्तव में महिला ही होती है और जहाँ तक जनजाति समाज का विचार है, महिला घर तो सम्भालति ही है, साथ में खे़ती, पशुपालन से जुडे़ कामों में भी मदत करती है। जंगल से लकड़ी लानेवाली भी महिलाएँ होती है। आप किसी भी वनवासी क्षेत्र के बाज़ार/हाट में जाईए, वहां खरीददारी करने आई महिलाओं की संख्या सविशेष होती है और व्यापार करनेवाली भी अधिकतम महिलाएं ही होती है। आज भी देश के कई गाँव ऐसे है जहाँ न्याय पंचायत बैठती है, वहाँ भी महिलाओं की ब़ात का विशेष स्थान है। पूर्वांचल में कुछ जनजाति क्षेत्र ऐसा है, जहाँ महिलाओं को घर में, समाज में मुख्य स्थान है। वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना से ही महिलाएँ अपने कार्य से जुड़ी थी, परन्तु सुश्री लीलाताई पराडकरजी के आगमन के पश्चात महिला कार्य के रूप में योजना बनी। वे हमारे कार्य में प्रथम महिला पूर्णकालीन कार्यकर्ता के रूप में सन् 1973 में जशपुर आई। वर्तमान झारखण्ड के लोहरदगा में एक डाक्टर दम्पति के आते एक और महिला कार्यरत हुई। धीरे धीरे कार्य आगे बढ़ता गया। दिल्ली में सन् 1981 में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में भी 250 बहनें सहभागी हुई थी। सन् 1985 में भिलाई में और पश्चात 2007 में राँची में अखिल भारतीय महिला सम्मेलन आयोजित किया था। आज महिला कार्य ग्राम समिति से लेकर अखिल भारतीय स्तर तक कार्यरत है। पूर्णकालिन कार्य करनेवाली भी महिला कार्यकर्ता है।
शिक्षा, आरोग्य, स्वावलम्बन, हितरक्षा किसी भी आयाम की बात हो सभी में महिला कार्यकर्ता आगे बढ़ चढ़कर कार्य कर रही है। प्रकल्पों का संचालन करती है। देश में आज बालिकाओं के लिये छात्रावास है, सभी खेल महोत्सव में वनवासी बालिकाएँ अपने कौशल का परिचय कराती है। अधिकतम संस्कार केन्द्र तथा बचतगटों का संचालन महिला ही करती है। नगर समितियों में सेवापात्र योजना चलाने में महिलाएँ विशेष सक्रीय है। इतना ही नहीं तो देश के विभिन्न प्रान्तों में कल्याण आश्रम के माध्यम से जो पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित होती है, उनमें भी महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। संक्षेप में कहे तो वनवासी कल्याण आश्रम के सभी प्रकार के कामों में महिलाओं का योगदान है। इस योगदान का प्रमाण बढे़, सक्रीयता सतत रहे, इस हेतु संगठनात्मक तालिका में महिला कार्य की भी रचना की है। न केवल वनवासी समाज, अपितु सम्पूर्ण समाज में जागरण करना अपना कार्य है, उस जागरण के कार्य में भी महिलाओं द्वारा जागरण जो हो रहा है, उसको इतिहास भी भूल नहीं सकता।
जनजाति महिला सांसद, विधायक समाज का आवाज बनेगी  कल्याण आश्रम को विश्वास 
भवदीय जनजाति महिला सांसद, विधायक समाज का आवाज बनेगी कल्याण आश्रम को विश्वास लोकसभा और विधानसभा में...
Kalyan Ashram Believes, Janjati Women MPs and MLAs will Become the Voice of Society
The ‘Nari Shakti Vandan Bill’ passed by both the houses of Parliament of Bharat, giving 33% reservation...
केवल रू. 5 में दाल-भात
झारखण्ड राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में जनजाति महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रयास हेतु कई बचत गट चलते है। गाँव...
मेघालय में हुआ महिला चेतना शिविर
महिला चेतना शिविर खासी हिल्स में सोनाटोला मेघालय कल्याण आश्रम मेघालय द्वारा खासी हिल्स में सोनाटोला...
अति पिछडी जनजाति मे महिला सशक्तिकरण
कर्नाटक के मैसूर, चामराजनगर एवं कुर्ग जिले में ‘जेनु कुरबा’ जनजाति समाज रहता है। जेनु शब्द का कन्नड़ भाषा...
केवलहरा में बलिदान दिन मनाया
कटनी जिला के केवलहरा ग्राम में राजा शंकर शाह बलिदान दिन मनाया गया। इस समारम्भ के मुख्य अतिथि जगरूप सिंह...
कवरा गाँव के धनवान .....
मैं हिमाचल प्रदेश के प्रवास पर था। एक दिन हमारे वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यकर्ताओं के साथ मुझे कवरा...
ठमाताई पवार का मिला ज्योत्स्ना देवी कार्य गौरव पुरस्कार
वनवासी कल्याण आश्रम महाराष्ट्र की वरिष्ठ कार्याकर्ता ठमाताई पवार को पुना के ज्योत्स्ना देवी दर्डा कार्य...
आध्रा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में महिला वर्ग
आध्रा प्रदेश ग्रामिण क्षेत्र की महिलाओं का एक वर्ग 27, 28 जून 2019 को संपन्न हुआ। भजन प्रमुख महिलाएं...
उड़िसा में अगरबत्ती प्रशिक्षण वर्ग
वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यकर्ताओं द्वारा कौशल विकास हेतु विभिन्न स्थानों पर प्रयास चलते है , उसीमें...
मुम्बई के महिला कार्यकर्ताओें की जनजाति गाँव को भेंट
मुम्बई के पारले विभाग की महिला कार्यकर्ताओं ने बहिरीपाडा इस जनजाति गाँव को भेंट दी। रामनवमी के उत्सव...
उडिसा के कालाहान्डि में महिलाओं की कार्यशाला
अपने जनजाति बन्धुओं के सर्वांगीण विकास हेतु वनवासी कल्याण उड़िसा पिछले कई वर्षों से कार्यरत है। 13-16...
भाग्यनगर में महिला कार्य की बैठक सम्पन्न
31 मई और 1, 2 जून को राष्ट्रीय विद्या केन्द्र, भाग्यनगर (हैदराबाद) में वनवासी कल्याण आश्रम के महिला कार्य...
दिल्ली महिला समिति की प्रकल्प दर्शन यात्रा
दिल्ली के महिला समिति की 11 बहने 19, 20 अप्रेल 2019 को दो दिन के लिये उत्तराखण्ड के रूद्रपुर, सितारगंज...
कन्नड गांव में सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारम्भ
विदर्भ वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा कन्नड गांव में एक सिलाई केन्द्र का शुभारम्भ हुआ। जनजाति समाज की महिलाओं...
मराठावाकडी में रंगोली स्पर्धा
चैत्र शु. एकम यानि वर्ष प्रतिपदा निमित्त मराठवाकडी गाँव में रंगोली स्पर्धा का आयोजन हुआ। जनजाति बहुल...
देवगिरी प्रांत के जनजाति क्षेत्र में महिलाएँ कार्यरत
वनवासी कल्याण आश्रम देवगिरी प्रांत ने महिलाओं के बीच कार्य को अधिक बल देने हेतु विविध कार्यक्रमों का...
वनवासियों की अद्भुत चिकित्सा पद्धति साप ने काटा, पर बालक मरा नही
कर्नाटक की प्रांत महिला प्रमुख सुमंगला और जिले की पुट्मा के साथ मैं, 4-नवंबर 18 को दम्मनकट्टै ;तालूका...
महिला प्रशिक्षण वर्ग
वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा दिनांक 11 से 13 नवम्बर 2018 तक त्रिदिवसीय क्षेत्रीय महिला प्रशिक्षण वर्ग का...
कर्नाटक के रामनगर में रंगोली प्रतियोगिता
वनवासी कल्याण कर्नाटक के कार्यकर्ताओं ने रामनगर गाँव में पूर्व सूचना दिये बिना एक रंगोली स्पर्धा का आयोजन...
हाथ कार्यरत और मस्तक स्वाभिमान से उन्नत
कठिन वनवासी जीवन में भी वनवासी महिलाओं का जीवन और भी ज्यादा कठिन होता है। सुविधा विहीन जीवन, परिवार की...
बोकारों और दुमका के महिला समिति द्वारा कन्या पूजन
झारखण्ड के बोकारों और दुमका के महिला समिति द्वारा नवरात्री पर्व निमित्त कन्या पूजन का आयोजन किया गया....
हिमाचल में शिलाई केन्द्र का वार्षिक उत्सव
14 जुलाई 18 को हिमगिरी कल्याण आश्रम द्वारा संचालित शिलाई केन्द्र का वार्षिक उत्सव बालासाहब देशपाण्डे...
सिलीगुड़ी में पूर्व क्षेत्र का महिला प्रशिक्षण वर्ग
8–10 जून 2018 को उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में पूर्व क्षेत्र का महिला प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न हुआ. अपने...
झारखंड के लोहरदागा में सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र प्रारम्भ
अपने वनवासी बंधुओं का विकास अपना लक्ष्य है। इस हेतु विभिन्न प्रकार के प्रकल्पों का हम सञ्चालन करते है।...
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