अपने वनवासी बन्धुओं में शारीरिक क्षमता एवं कौशल विपूल मात्रा में है। सुदूर गाँवों में जाना खेल प्रतिभाओं की शोध कर उन्हें प्रशिक्षण देकर अवसर प्रदान करना यह खेलकूद आयाम का महत्वपूर्ण कार्य है। आज कई वर्षों से इस खेलकूद के क्षेत्र में कार्यरत वनवासी कल्याण आश्रम ने अनेक उपलब्धियाँ पाई। खेल जगत को कई युवा खिलाड़ी मिले है।
प्रति चार वर्षां में एक बार राष्ट्रीय स्तर पर एक खेल प्रतियोगिता का आयोजन होता है। इसके पूर्व तहसील (ब्लाक) स्तर से लेकर जिला एवं प्रान्त स्तर पर भी प्रतियागिताओं का आयोजन होता है। सारे देश में हज़ारों, लाखों वनवासी युवा इसमें सहभागी होते है। प्रशिक्षण और खेलने का अवसर, दोनों प्राप्त हेाने के कारण प्रतिभा निखरती है। परिणामस्वरूप सुदूर छोटे छोटे गाँवे के खिलाड़ियों को आगे आने का अवसर मिलता है। प्रतिवर्ष वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा तीरंदाजी और किसी एक खेल की प्रतियोगिता भी राष्ट्रीय स्तर पर होती है।
खेलकूद आयाम के माध्यम से दैनिक अथवा साप्ताहिक खेलकेन्द्र चलते है जिसके कारण ग्रामीण युवा संगठित होते है। वनवासी कल्याण आश्रम को जैसे किसी छात्रावास से कार्यकर्ता प्राप्त होते है वैसे खेलकेंद्र के माध्यम से भी इस कार्य के लिये युवा कार्यकर्ता मिलते है। कई स्थानों पर युवकों के साथ युवतियाँ भी खेल के क्षेत्र में अपना कौशल प्रगट करती है।
खेलकूद केन्द्र: दैनिक: 272
साप्ताहिक: 2071
खेल महोत्सव:
क्रम | वर्ष | स्थान | प्रतिभागी प्रांत | प्रतिभागी खिलाड़ी |
1 | 1988 | मुम्बई | 15 | 392 |
2 | 1991 | इंदौर | 22 | 750 |
3 | 1995 | उदयपुर | 28 | 991 |
4 | 2000 | राँची | 31 | 1317 |
5 | 2005 | अमरावती | 29 | 1528 |
6 | 2011 | पूना | 32 | 2232 |
7 | 2015 | राँची | 35 |
दिसम्बर 2018 के अंत में गुवाहाटी (असम) में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा राष्ट्रीय खेल महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में देश भर के जनजाति युवक-युवतियों ने उत्साह से भाग लिया। वहां पर एक स्मारिका का प्रकाशन भी हुआ।
राष्ट्रीय खेल महोत्सव गुवाहाटी दिसम्बर 2018 Document
वार्ता