वनवासी विकास परिषद द्वारा वन चेतना काव्य गोष्ठी संपन्न


वनवासी विकास परिषद उमरिया के तत्वावधान में वन चेतना काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। मुक्तक के काव्य रचना कार शंभू सोनी (पागल) ने गोष्ठी की अध्यक्षता एवं शेख धीरज के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। गोष्ठी का संचालन वातआयन संस्था के अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने किया। प्रारम्भ में शंभू सोनी द्वारा सरस्वती वंदना की तथा वरिष्ठ कवि करण सिंह की रचना प्रजातंत्र का नाम सुनने को मिली। राम लखन सिंह चैहान ने-पावस ऋतु है चरण पसारे मेघा बरसो मेघा बरसो… और युवा कवि सत्येंद्र गौतम ने अपने बघेली रचना-बची कुची जो रहीदरिया सबका लई बारिश बीमारी प्रस्तुत की।

प्रेमशंकर मिर्जापुरी ने अपने चिर परिचित अंदाज में काव्य पाठ किया शिवा आनंद पटेल ने अब तो कोई अंधकार में फिर से दीप जलाना हो होगा, तो कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शेख धीरज ने आज के लोगों पर कटाक्ष करते हुए काव्य पाठ किया एवं कार्यक्रम के आयोजक श्रवण कुमार तिवारी ने ग्राम नगर और शहर के वासी वनवासी भाई-भाई का सुस्वर पाठ किया। अनिल मिश्रा ने अपनी गंभीर रचना के द्वारा श्रोताओं को आकर्षित किया-अरे मेघ तुम फिरो अवानी पर तुमसे वी रही सब कह लेगा…। सभी कवियों को वनवासी किरण पत्रिका भेंट की गई। दिनेश त्रिपाठी ने सभी रचनाओं पर अपने सारगर्भित भाव व्यक्त किए। श्रोताओं में युवा कवि उमा गौतम सर्वेयर सी.एम.पी. दायक वनवासी विकास परिषद के संगठन मंत्री शंभू परस्ते, पुष्पेंद्र तिवारी एवं वनवासी आश्रम के छात्र गण उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन, वनवासी विकास परिषद के प्रांतीय प्रचार प्रमुख श्रवण कुमार तिवारी द्वारा किया गया।

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