CULTURAL ACTIVITIES श्रद्धा जागरण

वनवासी बन्धु अपने सम्पूर्ण समाज का अभिन्न अंग है। प्रतिदिन के जीवन में उसका धर्म-संस्कृति के प्रति अतूट नाता है। अपनी श्रद्धा, आस्थाओं के प्रति मन में दृढ़ता रहे इस हेतु श्रद्धाजागरण आयाम कार्यरत है। स्थान स्थान पर भजन-सत्संग केन्द्र चल रहे है। यज्ञ, धर्मसभा, पदयात्रा जैसे कई प्रकारे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिसमें सन्त-महात्मा समाज को मार्गदर्शन करते है। इन सभी प्रयासों से जो जागरण होता है, परिणाम स्वरूप वनवासी समाज स्वयं अपना हित-अहित क्या है ? इस पर विचार करने लगता है। जो बन्धु अपनी आस्था छोड़ चुके थे, उन्हें वापस लाने के प्रयास समाज स्वयं करता है।

वनवासी कल्याण आश्रम के कार्य का जब प्रारम्भ हुआ तो वह एक छोटे से छात्रावास के माध्यम से, परन्तु उसके पश्चात जशपुर के आसपास के वनवासी बन्धुओं के बीच जो जागरण हुआ उसका प्रमुख कारण है – अपने श्रद्धाजागरण के प्रयास। कई गाँवों में हनुमान मंदिरों की स्थापना, जशपुर में विष्णुयाग का आयोजन, गाँव-गाँव में भजन-सत्संग केन्द्रों का प्रारम्भ, सन्त-महन्तों का ग्रामीण प्रवास इत्यादि। इसके कारण समाज जागरण हुआ। मतान्तरण की समस्या पर रोक अवश्य आई। वनवासी बन्धुओं को अपनी अस्मीता और उसके अस्तित्व के सन्दर्भ सजग करना ही श्रद्धाजागरण आयाम का प्रमुख कार्य है।


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1 - Birasa Munda
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Hindu devotees pray as they attend the first "Shahi Snan" at the ongoing "Kumbh Mela", or Pitcher Festival, in Allahabad
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Public Funtion in Udaipur
Janmashtami - 3
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 वार्ता

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